खंड 1 No. 2 (2020)
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कक्षा-कक्ष में तकनीकी नवाचार के रूप में ई-लर्निंग

अनीता कुमारी
मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय, उदयपुर, राजस्थान

प्रकाशित 2025-03-12

संकेत शब्द

  • शिक्षण अधिगम प्रक्रिया,
  • तकनीकी नवाचार,
  • ई-लर्निंग

सार

परिवर्तन प्रकृति का नियम है। इसके द्वारा ही विकास का क्रम लगातार आगे बढ़ता है परिवर्तन समाज की मांग की स्वाभाविक प्रक्रिया से जुड़ा हुआ तथ्य है। इसीलिए परिवर्तन नवाचार और शिक्षा का आपस मे गहरा सम्बंध है। शिक्षा को समयानुकूल बनाने के लिए शैक्षिक क्रियाकलापों में नवीन तकनीकों का प्रयोग हो रहा है और यही नवीन प्रयोग शिक्षा में नवाचार को प्रकट करता है। शिक्षा के क्षेत्र में सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी का प्रयोग एक महत्वपूर्ण योगदान में से है। सेन्ट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ एज्यूकेशन टेक्नोलोजी 2018 में यह अच्छी तरह स्वीकार किया गया है कि सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी में बच्चों, शिक्षकों या शिक्षक शिक्षाविशारदों और अन्य शिक्षण पर प्रभाव डालने की अपार क्षमता होती है और यह हमारी शैक्षिक व्यवस्था में आने वाली चुनौतियों को कम करने के नए एवं प्रभावी रास्ते उपलब्ध करवाती है। तकनीकी नवाचारी शिक्षण पद्धतियों जैसे ई-पुस्तकें वर्चुअल कक्षाकक्ष एजुसैट, ई-लर्निंग आदि के प्रयोग से बच्चों को चहुंमुखी विकास के होने के साथ साथ अपने ज्ञान को बाहरी जीवन से जोड़ने के अवसर प्राप्त होगें। ई-लर्निंग शिक्षा के क्षेत्र में एक बहुत बड़ी खोज मानी जा सकती है यह तकनीक केवल शहरी क्षेत्र में ही नहीं बल्कि ग्रामीण भारत को भी शिक्षित बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। ई-लर्निंग द्वारा शिक्षण अधिगम प्रक्रिया को रुचिपूर्ण एवं शिक्षा को गुणवत्ता पूर्ण बना सकेंगे।