खंड 6 No. 2 (2018): Voices of Teachers and Teacher Educators
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तीसरी भाषा (संस्कृत) के अध्ययन-अध्यापन प्रक्रिया के दौरान आने वाली चुनौतियाँ

प्रकाशित 2018-02-28

संकेत शब्द

  • शिक्षण विधि,
  • संस्कृत

सार

यह लेख त्रिभाषा फार्मूले के सदर्भ में कक्षा ६ व ७ में पढ़ाई जा रही संस्कृत भाषा की कक्षाओं के अनुभवों  के आधार पर लिखा गया हैं। हमारे अवलोकन के अनसार इन कक्षाओं में न तो विद्यार्थियों कोई रूचि लेतें हैं और ना ही संस्कृात की शिक्षा को कोई महत्व देतें हैं। लेकिन यदि एक शिक्षक अपने काम के अवलोकन के बाद पढ़ाने के तरीके को बदल कर सीखने वालों की भागीदारी बढ़ाने के लिए सरल संवाद और नाटक जैसी प्रक्रियाए करे और कई तरह के समूहों में इस तरह के काम के मौके उन्हे दे, तो विद्यार्थी धीरे-धीरे कक्षा में रूचि लेने लगते है। निष्कर्ष यह है कि समान क्षमता सीखने वाले बच्चे जोड़ों में अच्छा काम करते हैं। इससे कक्षा में भागीदारी बढ़ती हैं, ऐसा हो पाए इसमें शिक्षक को बच्चों की पृष्ठ भूमि के प्रति सतर्क और संवेदनशील होना चाहिए और उसके आधार पर कक्षा की रचना करनी चाहिए।