खंड 42 No. 1 (2018): प्राथमिक शिक्षक
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प्रारंभिक बाल शिक्षा कार्यक्रम सृजनात्मक अभिव्यक्ति तथा सौंदर्यनुभूति का विकास

पद्मा यादव
प्रोफेसर, प्रारंभिक शिक्षा विभाग, एन.सी.ई.आर.टी., नई दिल्ली

प्रकाशित 2025-07-30

संकेत शब्द

  • सृजनात्मक क्षमता,
  • बुद्धिमत्ता

सार

सभी बच्चों में सृजनात्मक क्षमता होती है, यद्यपि उसकी श्रेणी में अंतर हो सकता है। सृजनात्मकता और बुद्धिमत्ता एक नहीं हैं। हो सकता है कि कुशाग्र बुद्धि वाले व्यक्ति में उतनी सृजनात्मक क्षमता न हो। सृजनात्मकता शांति में नहीं पनपती। बच्चों को जितना ज्ञान और अनुभव दिया जाएगा, अपने सृजनात्मक प्रयासों के लिए उन्हें उतनी ही सुदृढ़ नींव मिलेगी। अतः एक प्रेरक वातावरण बच्चे की सृजनात्मकता को बढ़ावा देता है। स्वतंत्र खेलों, विशेष रूप से नाटकीय और रचनात्मक खेलों के अवसर बच्चों की सृजनात्मकता का पोषण करते हैं। घर या शाला का कठोर अनुशासनपूर्ण वातावरण, जो एकरूपता पर विशेष बल देता है, बच्चों की सृजनात्मकता को बाधा पहुँचा सकता है। प्रस्तुत लेख में प्राथमिक स्तर पर सृजनात्मक अभिव्यक्ति तथा सौंदर्यबोध के विकास के लिए शिक्षकों हेतु कुछ गतिविधियाँ सुझाई गई हैं, जिनके प्रयोग से बच्चों में सृजनात्मक क्षमता को बढ़ाया जा सकता है।