खंड 39 No. 1 (2015): प्राथमिक शिक्षक
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बचपन से बचपन तक

प्रकाशित 2025-06-17

सार

कुछ समय से बच्चों के साथ समय बिताने का मौका ढूँढ रही थी। अपने बचपन के बारे में सोचा तो टीवी, सिनेमा, पर्दे के पीछे की कहानियाँ, फ़ोटो खींचना और खिंचवाना से संबंधित कुछ अनुभव याद आ गए। मैं आज भी इन सारी चीज़ों से जुड़ी रहना पसंद करती हूँ।
ऐसे कितने ही अनुभवों को एकत्र कर के एक सीख निकालना मुश्किल है, परंतु जब आप किसी और को वैसे दौर से गुज़रते देखते हैं तो शायद उस उम्र की भावनाओं में दोबारा, यानी ‘फ़्लैशबैक’ में जाने का मौका मिलता है।