Vol. 44 No. 2 (2020): प्राथमिक शिक्षक
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कविता बोध में शब्दावली और संवेदीय अनुभव

टीना कुमारी
शोधार्थी (पी.एच.डी.), शिक्षा विभाग, दिल्ली विश्वविद्यालय

Published 2025-09-02

Keywords

  • कविता की संरचना,
  • शब्दावली अधिगम,
  • शिक्षण-अधिगम प्रक्रिया

How to Cite

कुमारी ट. (2025). कविता बोध में शब्दावली और संवेदीय अनुभव. प्राथमिक शिक्षक, 44(2), p.83-89. http://14.139.250.109/index.php/pp/article/view/4720

Abstract

समान अर्थ वाले शब्दों का अलग-अलग संदर्भों में प्रयोग क्यों किया जाता है? संदर्भ के अनुसार सटीक शब्द-चयन से अर्थ ग्रहण में कैसा प्रभाव पड़ता है और शब्दावली के स्तर पर सूक्ष्म समझ कैसे विकसित हो इत्यादि प्रश्न भाषा सीखने-सिखाने वालों के लिए आवश्यक प्रश्न हैं। कविता पढ़ते व समझते समय ये प्रश्न और अधिक महत्वपूर्ण हो जाते हैं, क्योंकि कविता में गद्य की तरह वर्णन नहीं होता, अपितु भावों का तीव्र प्रवाह होता है। इसके साथ ही कविता की संरचना 'संक्षिप्तता' को धारण करती है। इसलिए शब्दावली अधिगम का महत्व समझने के लिए काव्य का संदर्भ लेना एक अच्छा विकल्प है। कविता में प्रयुक्त एक ही या एक जैसे अर्थ वाले शब्दों से पाठक अलग-अलग भाव महसूस करते हैं और आनंद और अर्थ के विविध स्तरों पर विचरते हैं। शब्दावली की दृष्टि से देखें तो बारिश या बरसात या वर्षा जहाँ एक ही बात के लिए अलग-अलग शब्द दिखते हैं, किंतु प्रत्येक शब्द में निहित विशिष्ट अर्थ, संदर्भ विशेष में उसके चुने जाने का आधार बनता है। यह पाठकों द्वारा अलग-अलग भाव व अर्थ ग्रहण किए जाने का एक कारण भी है। बच्चों के साथ शिक्षण-अधिगम प्रक्रिया से जुड़े लोगों के लिए के लिए यह विषय उपयोगी है, क्योंकि कविता की व्याख्या शब्दों के किसी एक नियत अर्थ को जानने पर निर्भर न होकर, अलग-अलग संदर्भों के अनुभव और शब्दों की सूक्ष्म समझ से जुड़ी है। अतः कविता पढ़ते व समझते समय उसमें प्रयुक्त शब्दावली को संदर्भ के अनुसार समझना, संवेदीय अनुभव और शब्दावली सूक्ष्मता का संबंध और प्राथमिक कक्षाओं में शब्दावली शिक्षण के विभिन्न तरीकों को जानना इस लेख के मुख्य बिंदु हैं।