Published 2025-09-02
Keywords
- शिक्षण-अधिगम प्रक्रिया,
- स्व-मूल्यांकन प्रक्रिया का अध्ययन
How to Cite
Abstract
प्रस्तुत शोध पत्र के द्वारा शिक्षण-अधिगम प्रक्रिया में स्व-मूल्यांकन प्रक्रिया का अध्ययन किया गया है। मूल्यांकन, शिक्षण-अधिगम प्रक्रिया का एक महत्वपूर्ण अंग है। यह निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है जो शिक्षण में शिक्षकों तथा अधिगम में विद्यार्थियों की मदद करती है। मूल्यांकन से गुणात्मक एवं मात्रात्मक दोनों प्रकार की सूचनाएँ प्राप्त होती हैं जिनके आधार पर विद्यार्थियों की योग्यताओं एवं उपलब्धियों का आकलन किया जाता है। मूल्यांकन, शिक्षण-अधिगम में नए उद्देश्यों को तय करने, अधिगम अनुभव प्रस्तुत करने एवं संप्राप्ति परीक्षण में महत्वपूर्ण योगदान देता है। स्व-मूल्यांकन का प्रत्यक्ष लाभ विद्यार्थियों एवं उनके अधिगम स्तर पर होता है। स्व-मूल्यांकन का अर्थ विद्यार्थियों की ग्रेडिंग या रैंकिंग करने की प्रणाली से नहीं है, अपितु विद्यार्थियों द्वारा अपने अधिगम के स्व-मूल्यांकन से है। स्व-मूल्यांकन विद्यार्थियों की स्वयं की क्रियाओं, अभिवृत्ति या निष्पादन आदि का मूल्यांकन है। इसमें विद्यार्थी निर्धारित मानकों तथा उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए किए गए कार्यों का मूल्यांकन करते हैं। अतः शोधार्थी ने प्रस्तुत शोध कार्य की सहायता से विज्ञान विषय के विद्यार्थियों के स्व-मूल्यांकन के माध्यम से शिक्षण-अधिगम प्रक्रिया में स्व-मूल्यांकन की प्रासंगिकता एवं उपादेयता को सिद्ध करने का प्रयास किया है।