Vol. 42 No. 1 (2018): प्राथमिक शिक्षक
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शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के अंतर्गत निजी विद्यालयों में प्रवेशित बच्चों का उसी शाला के अन्य बच्चों के साथ समायोजन का अध्ययन

आर.के. तिवारी
उपप्रबंधक, मध्यप्रदेश राज्य शिक्षा केंद्र, भोपाल

Published 2025-07-30

Keywords

  • शिक्षा विकास,
  • सामाजिक परिवर्तन एवं नियंत्रण,
  • 6वें संविधान संशोधन,
  • शिक्षा के अधिकार

How to Cite

तिवारी आ. (2025). शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के अंतर्गत निजी विद्यालयों में प्रवेशित बच्चों का उसी शाला के अन्य बच्चों के साथ समायोजन का अध्ययन. प्राथमिक शिक्षक, 42(1), p.5-9. http://14.139.250.109/index.php/pp/article/view/4504

Abstract

शिक्षा और जीवन का गहरा संबंध है। शिक्षा विकास की वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा बच्चे की जन्मजात शक्तियों का विकास होता है। राष्ट्र एवं समाज की आवश्यकताओं के अनुरूप नागरिकों का निर्माण करने में महती भूमिका के कारण शिक्षा को सामाजिक परिवर्तन एवं नियंत्रण का प्रभावशाली यंत्र माना गया है। व्यक्ति, परिवार, समाज एवं राष्ट्र के विकास में शिक्षा की भूमिका को और व्यापक एवं प्रभावी बनाने के लिए भारतीय संविधान के 86वें संविधान संशोधन द्वारा जीवन के मौलिक अधिकारों में शिक्षा के अधिकार को भी शामिल किया गया है। इस प्रकार अब समूची शिक्षा प्रणाली का संवैधानिक एवं कानूनी आधार भी निर्मित हुआ है। इस कानून का नाम नि:शुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 है। यह कानून 1 अप्रैल 2010 से प्रभावी है।

बच्चों के लिए नि:शुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 लागू होने से अब देश में प्रारंभिक शिक्षा को मौलिक अधिकार का दर्जा प्राप्त हो गया है। इसके अनुसार 6–14 वर्ष तक के बच्चों को अनिवार्य तथा नि:शुल्क शिक्षा उपलब्ध कराई जाएगी। आर.टी.ई. 2009 के अनुपालन में मध्यप्रदेश सरकार द्वारा नि:शुल्क और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार नियम 2011, मध्यप्रदेश के असाधारण राजपत्र में प्रकाशित कर 26 मार्च 2011 से संपूर्ण प्रदेश में लागू किया गया है।

अधिनियम में नि:शुल्क और अनिवार्य शिक्षा के प्रावधान के अनुसार किसी भी बच्चे से किसी भी प्रकार का शुल्क/व्यय नहीं लिया जाएगा और 6 से 14 वर्ष के सभी बच्चों का शत-प्रतिशत नामांकन, शत-प्रतिशत उपस्थिति तथा शत-प्रतिशत बच्चों को प्रारंभिक शिक्षा प्रदान कराने की संवैधानिक अनिवार्यता राज्य सरकार की होगी। शोध का उद्देश्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत निजी विद्यालयों में प्रवेशित बच्चों का विद्यालय के अन्य बच्चों के साथ समायोजन का अध्ययन करना था। अध्ययन में आर.टी.ई. के अंतर्गत नि:शुल्क प्रवेशित बच्चों का विद्यालय के अन्य बच्चों के साथ सकारात्मक समायोजन पाया गया।