Published 2025-07-30
Keywords
- व्यावसायिक प्रगति,
- विद्यालय प्रबंधन,
- शिक्षक की नीति-निर्माण में भूमिका
How to Cite
Abstract
शिक्षक की व्यावसायिक प्रगति की जब बात की जाती है तो उसे केवल पदोन्नति से जोड़ दिया जाता है। यह भुला दिया जाता है कि शिक्षक केवल एक पद ही नहीं है, बल्कि एक सामाजिक उत्तरदायित्व है और उसे केवल पदोन्नति से ही नहीं जोड़ा जा सकता। यह केवल एक पेशा ही नहीं मिशन भी है। पर यह धारणा इतनी दृढ़ हो गई है कि शिक्षक की व्यावसायिक प्रगति के लिए नीति-निर्धारण सरकारी विद्यालयों के स्तर पर सरकार करती है और निजी विद्यालयों के स्तर पर विद्यालय प्रबंधन। शिक्षक की इस नीति-निर्धारण में कोई भूमिका भी हो सकती है, इस पर गौर भी नहीं किया जाता। परिणामस्वरूप शिक्षक पदोन्नत होते-होते प्रशासक तो बन जाता है पर इस प्रक्रिया में शिक्षक कहीं खो जाता है। सिर्फ़ सरकार और प्रबंधन ही नहीं स्वयं शिक्षक भी इस धारणा से अछूता नहीं है और वह भी इस बँधी-बँधाई प्रक्रिया में ढल जाता है। प्रस्तुत आलेख में शिक्षक की इस नीति-निर्माण में कैसी भूमिका होनी चाहिए और आज की संचार तकनीकी कैसे उसकी इस भूमिका के सफल क्रियान्वयन में उपयोगी हो सकती है, इस पर विचार प्रस्तुत किए गए हैं और एक शिक्षक की शिक्षक के रूप में ही व्यावसायिक प्रगति कैसे संभव हो सकती है, इस बारे में सुझाव दिये गए हैं।