Vol. 39 No. 1 (2015): प्राथमिक शिक्षक
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गणित का अर्थपूर्ण शिक्षण

डोरी लाल
सहायक प्रवक्ता, गणित शिक्षण, आई.ए.एस.ई., शिक्षा संकाय, जामिया मिल्लिया इस्लामिया, नई दिल्ली

Published 2025-06-17

Keywords

  • गणित शिक्षण,
  • गणित अध्यापन

How to Cite

लाल ड. (2025). गणित का अर्थपूर्ण शिक्षण. प्राथमिक शिक्षक, 39(1), पृष्ठ 41–48. http://14.139.250.109/index.php/pp/article/view/4279

Abstract

गणित हमारे जीवन के हर पक्ष में व्याप्त है। चाहे मज़दूर हो या व्यापारी, अभियंता हो या बेरोज़गार – सभी का गणित से एक सहज संबंध होता है। कम से कम उस स्तर की योग्यता, जिस स्तर पर व्यक्ति इसका उपयोग करता है, एक समतामूलक समाज के लिए अत्यंत आवश्यक है।
सच तो यह है कि भले ही हम स्कूल में सीखी गई गणितीय विषयवस्तु को भूल जाएँ, फिर भी गणितीय तर्क प्रक्रिया के अपने अनुभव द्वारा स्पष्टता और तार्किकता से सोचने के कौशल की क्षमता को बनाए रख सकते हैं। यह जानना कि सीखना क्या है, उसके आधार क्या हैं, और उसका गणित से क्या संबंध है; बच्चों को किस प्रकार गणित सिखाया जा सकता है और उनके अनुभवों का गणितीय अधिगम में कैसे उपयोग किया जा सकता है – एक अध्यापक के लिए यह जानना अत्यंत आवश्यक है।

यहाँ यह अंतर्निहित मान्यता है कि गणित सीखना न केवल हमें रोजमर्रा की ज़िंदगी में मदद करेगा, बल्कि हमारे जीवन की गुणवत्ता भी इससे बेहतर होगी। इस लेख में हम बच्चों की शिक्षा, शिक्षण और सीखने के वातावरण तथा परिस्थितियों का अवलोकन करने का प्रयास करेंगे। इसका उद्देश्य यह जानना है कि बच्चों की गहरी समझ को विकसित करने के लिए क्या आवश्यक है।