Vol. 40 No. 1 (2016): प्राथमिक शिक्षक
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प्रारंभिक स्तर पर शिक्षण की विधा के रूप में नुक्कड़ नाटक

Published 2025-05-07

How to Cite

प्रारंभिक स्तर पर शिक्षण की विधा के रूप में नुक्कड़ नाटक. (2025). प्राथमिक शिक्षक, 40(1), पृ. 34-39. http://14.139.250.109/index.php/pp/article/view/4245

Abstract

साहित्य को समाज का प्रतिबिंब माना जाता है। एक ऐसा प्रतिबिंब जो मानव जीवन के सभी पहलुओं को चित्रित करता है। नाटक साहित्य की एक ऐसी विधा है, जो मानव जीवन की जीवंत अभिव्यक्ति प्रस्तुत करती है। देश के सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक, और सांस्कृतिक क्षेत्रों में व्याप्त मानवीय जीवन की समस्याओं, विषमताओं, विसंगतियों और संघर्षों के विरुद्ध जिस कला माध्यम ने जन आंदोलनों को आधार बनाकर शोषित एवं पीड़ित जनता को एकजुट किया, वह है नुक्कड़ नाटक। ‘नुक्कड़ नाटक’ नाटक का एक लचीला फॉर्म एवं शिल्प-विधान है। रंगमंच की सजगता और सुलभता उच्च उपकरणों का प्रयोग, जनसाधारण के बीच से उभरते जीवंत पात्र, कुछ सीमित समय के अंतराल में किसी गंभीर समस्या का जनभाषा में उद्घाटन कर इसकी व्यावहारिकता, विश्वसनीयता, रोचकता और स्वाभाविकता का प्रमाण देते हैं।