बच्चों के सर्वांगीण विकास में बाल साहित्य का अहम योगदान है। बाल साहित्य का अपना एक गरिमामयी इतिहास है, परंतु बच्चों को सीखने - सिखाने की क्रिया पाठ्यपुस्तकों तक रह गई है, जिससे बच्चों के ज्ञान का दायरा सीमित हो रहा है। यदि हम बच्चों का पूर्ण विकास करना चाहते हैं, तो हमें बाल साहित्य के माध्यम से ज्ञान देना होगा, तभी बच्चों को एक नई दिशा मिलेगी.......