खंड 37 No. 03 (2017): भारतीय आधुनिक शिक्षा
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विकास का सशक्त माध्यम ग्रामीण शिक्षा

प्रकाशित 2025-03-03

संकेत शब्द

  • विकास के अवसर,
  • संसाधन और अवसंरचना

सार

ग्रामीण शिक्षा समाज के समग्र विकास के लिए एक महत्वपूर्ण और सशक्त माध्यम है। यह न केवल ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों के व्यक्तिगत विकास को प्रोत्साहित करती है, बल्कि पूरे देश की सामाजिक और आर्थिक स्थिति में सुधार लाने का एक कारगर उपाय भी है। ग्रामीण शिक्षा का उद्देश्य बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के साथ-साथ उन्हें समाज में अपने अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरूक बनाना है। महात्मा गांधी ने भी शिक्षा को आत्मनिर्भरता, नैतिकता और समाज के प्रति जिम्मेदारी का माध्यम माना था, जो विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक प्रासंगिक है।

ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा की बढ़ती पहुंच से स्वास्थ्य, कृषि, महिला सशक्तिकरण, और स्वरोजगार जैसे कई क्षेत्रों में सकारात्मक परिवर्तन आ सकते हैं। यह न केवल ग्रामीण जीवन स्तर को बेहतर बनाता है, बल्कि इससे सामाजिक असमानता को भी कम किया जा सकता है। हालांकि, आज भी ग्रामीण शिक्षा में कई चुनौतियाँ हैं, जैसे संसाधनों की कमी, कक्षा में अभाव और शिक्षकों की कमी, लेकिन इन बाधाओं के बावजूद, ग्रामीण शिक्षा विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।