खंड 34 No. 01 (2013): भारतीय आधुनिक शिक्षा
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सतत एवं व्यापक मूल्यांकन का प्रभावी क्रियान्वयन शिक्षकों का आत्म सामर्थ्य

प्रकाशित 2024-11-29

संकेत शब्द

  • शिक्षकों की भूमिका,
  • शिक्षा प्रणाली में सुधार

सार

सतत एवं व्यापक मूल्यांकन भारतीय शिक्षा व्यवस्था में विद्यार्थियों के शैक्षिक और व्यक्तिगत विकास को सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है। यह मूल्यांकन प्रणाली न केवल छात्रों के अकादमिक प्रदर्शन का आकलन करती है, बल्कि उनके समग्र व्यक्तित्व और कौशल का भी मूल्यांकन करती है। इस लेख में, CCE के प्रभावी क्रियान्वयन में शिक्षकों की भूमिका और उनके आत्म-सामर्थ्य को महत्वपूर्ण दृष्टिकोण से देखा गया है।

लेख में यह चर्चा की गई है कि CCE के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए शिक्षकों के पास पर्याप्त प्रशिक्षण, समझ और संसाधनों का होना आवश्यक है। शिक्षक का आत्म-सामर्थ्य, यानी अपनी क्षमता और कौशल का विश्वास, इस प्रक्रिया की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह लेख यह भी बताता है कि यदि शिक्षक CCE प्रणाली को समझते हैं और उसे सही तरीके से लागू करते हैं, तो वे विद्यार्थियों के व्यक्तिगत और शैक्षिक विकास में योगदान कर सकते हैं।