प्रकाशित 2025-06-20
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सार
प्रारंभिक कक्षाओं में पढ़ रहे बच्चों को पढ़ना-लिखना सिखाने के पारंपरिक तरीके पढ़ने को एक क्रमिक (linear) प्रक्रिया के रूप में देखते हैं।
परिणामस्वरूप स्कूल में पढ़ना सीखने का पहला कदम अक्षर पहचान और ध्वनि संबंध से शुरू होता है। लेकिन ये तरीके पढ़ने की प्रक्रिया के एक अहम हिस्से की अनदेखी कर देते हैं।
बच्चे स्कूल शुरू करने से पहले ही अपने घरेलू और सामाजिक परिवेश से पढ़ने-लिखने से जुड़ी अवधारणाएँ बनाना शुरू कर देते हैं। वे प्रिंट से जुड़ी चीज़ों — जैसे किताबें, अख़बार, बिल, आदि — का अवलोकन करते हैं।
वे व्यवहारों को देखते और अपनाते हैं — जैसे किताब को सही तरीके से पकड़ना, पन्ने पलटना, चित्रों और शब्दों के बीच तालमेल बनाना, शब्दों की बनावट पर ध्यान देना आदि।
पढ़ने-लिखने की यह प्रक्रिया कोई निश्चित क्रम नहीं होती, बल्कि इसका संदर्भ तय करता है कि बच्चा किस पहलू पर ध्यान देगा।