खंड 40 No. 3 (2016): प्राथमिक शिक्षक
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शिक्षण में भाषा की भूमिका

दीपमाला
सहायक प्रोफेसर, श्री गुरु नानक देव खालसा कॉलेज, दिल्ली

प्रकाशित 2025-06-20

संकेत शब्द

  • शिक्षा पद्धति,
  • हिंदी भाषा शासन

सार

आधुनिक जीवनशैली के कारण शिक्षा का क्षेत्र निरंतर विकसित हो रहा है। आधुनिकता ने नयी तकनीक से युक्त शिक्षा पद्धति को हर विषय की अनिवार्य आवश्यकता बना दिया है, जो कहीं न कहीं समाज की ज़रूरत भी बन चुकी है।

शिक्षा व्यक्ति के लिए वरदान है। एक शिक्षित व्यक्ति अपने समाज, देश और राष्ट्र के निर्माण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाने में सक्षम होता है। भारत जैसे बहुभाषी देश में सदैव एक ऐसी भाषा की आवश्यकता महसूस की गई है जो सर्वमान्य रूप से केंद्रीय राजकाज की भाषा बन सके। शर्मा (2004 एवं 2007) के अनुसार हिंदी भाषा शासन और संस्कृति की भाषा बन सकती है।

उचित शिक्षा जहाँ अच्छे-बुरे का अंतर समझाती है, वहीं जिज्ञासा को भी बढ़ाती है। प्राचीन काल से ही शिक्षित व्यक्ति को समाज में सम्मान प्राप्त होता रहा है। शिक्षित और अशिक्षित व्यक्तियों के बीच का अंतर उनके व्यवहार और सोच से आसानी से महसूस किया जा सकता है।

आज यदि साधनों और संसाधनों की बात करें, तो यह कहना उचित नहीं होगा कि समाज के कमज़ोर वर्ग से संबंधित कोई व्यक्ति शिक्षा ग्रहण करने में असमर्थ है, क्योंकि आज सरकारी नीतियों ने इसके अनेक मार्ग खोल दिए हैं, आवश्यकता है तो केवल इसके महत्व को समझने की।