खंड 40 No. 3 (2016): प्राथमिक शिक्षक
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जीवन कौशल शिक्षा  विद्यार्थियों के लिए आवश्यक सात चमत्कारिक मूल्य

पूनम तिवारी
शोधार्थी, शिक्षा विभाग, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, वाराणसी
अंजली बाजपेयी
प्रोफेसर, शिक्षा विभाग, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, वाराणसी

प्रकाशित 2025-06-20

संकेत शब्द

  • जीवन कौशल शिक्षा,
  • शिक्षकों की भूमिका,
  • मूल्य और संस्कार,
  • शिक्षा पाठ्यक्रम

सार

बच्चों का जीवन गीली मिट्टी के समान होता है — जैसा आकार दिया जाए, वैसा ही बन जाता है। यह इस बात पर निर्भर करता है कि हम उन्हें किस प्रकार के अनुभव दे रहे हैं। जैसा बीज बोएँगे, वैसा ही फल प्राप्त होगा।

इस अवस्था में जो मूल्य और संस्कार विद्यार्थी आत्मसात करते हैं, वही उनके भविष्य के व्यक्तित्व का निर्माण करते हैं। इस प्रक्रिया में शिक्षकों की भूमिका अत्यंत महत्त्वपूर्ण होती है। शिक्षक वह कुम्हार है जो अपने विद्यार्थियों को मूल्यों और संस्कारों के माध्यम से गढ़ता है और उनके भविष्य का निर्माण करता है।

आज का विद्यार्थी अत्यधिक मानसिक दबाव और तनाव में जीता है। ऐसे में शिक्षक को चाहिए कि वह जीवन कौशल शिक्षा के माध्यम से विद्यार्थियों के भीतर सकारात्मक मूल्यों का विकास करे। यह शिक्षा पाठ्यक्रम के साथ-साथ अन्य गतिविधियों के माध्यम से दी जा सकती है।