खंड 40 No. 3 (2016): प्राथमिक शिक्षक
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प्राथमिक शिक्षा में बाल साहित्य की विधाओं का योगदान

विभा मलिक
शोध छात्रा, एम.फिल (हिंदी साहित्य), महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, महाराष्ट्र

प्रकाशित 2025-06-20

सार

मानव जीवन में साहित्य का विशेष महत्त्व है, क्योंकि यह मानव की अभिव्यक्ति और दमित भावनाओं को प्रकट करने वाला एक प्रभावशाली माध्यम है। यह हमें एक संस्कृति और जाति के सूत्र में बाँधता है।

इसी संदर्भ में बाल साहित्य भी अत्यंत महत्त्वपूर्ण है। इसमें बच्चों की रुचि, उनकी कल्पना, अनुभूति और मानसिकता को केंद्र में रखा जाता है। यह कहा जा सकता है कि बाल साहित्य का संबंध बच्चों के मानसिक तथा बौद्धिक विकास से है, जिसे बाल-मनोविज्ञान के माध्यम से समझा जा सकता है।

बाल साहित्य का लेखन और प्रकाशन इसी दृष्टिकोण से होता रहा है। अध्ययन की दृष्टि से बाल साहित्य की विभिन्न विधाएँ — बाल कहानी, बाल उपन्यास, बाल गीत, बाल नाटक आदि — में लिखा जाता रहा है।