खंड 40 No. 3 (2016): प्राथमिक शिक्षक
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चुनौती — सबको साथ लेकर चलने की

प्रकाशित 2025-06-20

सार

कविता जी एक सरकारी स्कूल की अध्यापिका हैं। हर बच्चे पर वे व्यक्तिगत रूप से ध्यान देती हैं। लेकिन आज वे कुछ गहरे चिंतन में डूबी हुई हैं। उनकी कक्षा में एक ऐसे बच्चे ने दाखिला लिया है जो स्पष्ट रूप से मानसिक मंदता से ग्रस्त है।

वे सोच रही हैं – "मैं इस बच्चे को कैसे पढ़ाऊँगी? मुझे विशेष ज़रूरतों वाले बच्चों को पढ़ाने के बारे में तो शिक्षण-प्रशिक्षण में भी नहीं सिखाया गया था। क्या मुझे इस बच्चे को बाकी बच्चों के साथ ही पढ़ाना है या अलग से पढ़ाना होगा? अलग से पढ़ाने के लिए मैं समय कहाँ से लाऊँगी?"