खंड 40 No. 4 (2016): प्राथमिक शिक्षक
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रवींद्रनाथ टैगोर और शिक्षा-दर्शन

मोनिका नांदल
प्रोजेक्ट फेलो, दिल्ली विश्वविद्यालय, दिल्ली

प्रकाशित 2025-06-20

सार

शिक्षा और दर्शन का प्रारंभ से ही साथ रहा है। जितने भी शिक्षा शास्त्री हुए हैं, उनकी विचारधाराएँ उनके शिक्षा कार्यक्रमों से परिलक्षित होती हैं। शिक्षा-दर्शन की दृष्टि से भारतीय दृष्टिकोण प्रमुख रूप से अध्यात्मवादी रहा है, परंतु इसका अर्थ यह नहीं कि भारतीय शिक्षा-दर्शन सांसारिकता का पूरी तरह से त्याग कर देता है। इसका उद्देश्य यह है कि शिक्षा एकांगी नहीं होनी चाहिए, उसे भौतिक तथा आध्यात्मिक, दोनों दृष्टियों से संतुलित होना चाहिए। इस रूप में देखा जाए तो भारतीय शिक्षा-दर्शन में आदर्श और व्यावहारिकता, दोनों का सुंदर संगम पाया जाता है। भारतीय दृष्टिकोण के अनुसार प्रवृत्ति और निवृत्ति का सामंजस्य करना ही शिक्षा का मूल उद्देश्य है।