भाषा की जादुई दुनिया में प्रवेश करते ही बच्चों का तरह-तरह के शब्दों से खेलना शुरू हो जाता है। दुनिया का कौन सा ऐसा बच्चा होगा जिसने अपने बचपन में शब्दों को उलट पलट कर मजा नहीं लिया होगा या फिर तरह-तरह की तुकबंदियां नहीं की होगी। बच्चों का कविता से संपर्क यही से शुरू हो जाता है।