खंड 39 No. 01 (2018): भारतीय आधुनिक शिक्षा
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शिक्षक-प्रशिक्षकों के वतिक विकास हेतु सेवाकालीन प्रशिक्षण की आवश्यकता का अध्ययन

प्रकाशित 2025-03-17

संकेत शब्द

  • अध्यापक शिक्षण,
  • शिक्षक-प्रशिक्षको

सार

अध्यापक शिक्षण कार्यों, प्रबं
धनों, सं
स्थानों एवं
 अध्यापकों के वत्ृतिक विकास के उन्नयन हेत सेव ु ाकालीन प्रशिक्षण
विभिन्न स्तरों पर कार्यरत अध्यापकों के लिए अनिवार्य होना चाहिए। उनकी पेशेवर उन्नति में सहायता देने हेतु
एवं
 विद्यार्थियों की विभिन्न समस्याओ एवं ं
 शिक्षण को रोचक बनाने हेत सेव ु ाकालीन प्रशिक्षण की आवश्यकता
प्रतीत होती है। इसी आधार को ध्यान में रखते हु
ए शोधक के शोध अध्ययन के प्रमख उद् ु शदे्य हैं — माध्यमिक स्तर
पर शिक्षक शिक्षा सं
स्थाओ में कं ार्यरत शिक्षकों के सेवाकालीन प्रशिक्षण की आवश्यकता का अध्ययन करना एवं स्व-वित्तपोषित एवं वित्तपोषित शिक्षक प्रशिक्षण सं
स्था में कार्यरत शिक्षक-प्रशिक्षकों के सेवाकालीन प्रशिक्षण
की आवश्यकता का तलनु ात्मक अध्ययन करना। इसमें उत्तर प्रदेश के बी.एड. स्तर पर कार्यरत समस्त वित्तपोषित
एवं
 स्व-वित्तपोषित शिक्षक-प्रशिक्षकों में से 100 शिक्षक-प्रशिक्षकों को न्यादर्श के रूप में चनुा गया। अध्ययन
के मखु्य निष्कर्ष में शिक्षक-प्रशिक्षकों द्वारा स्वयं
 का व्यक्‍त‍ित्व, विद्यार्थी-शिक्षकों को समझना, सामान्य शिक्षण
एवं
 शिक्षणशास्‍त्र, पाठ्यक्रम, शिक्षा के क्षेत्र में दक्षता, क्षेत्र/प्रायोगिक क्रियाकलाप में दक्षता, शक्षिै क तकनीकी के
ज्ञान को प्राथमिकता दी गई। वित्तपोषित एवं
 स्व-वित्तपोषित बी.एड. शिक्षक-प्रशिक्षकों की आवश्यकता समान
स्तर पर पाई गई।