प्रकाशित 2025-03-17
संकेत शब्द
- समीक्षात्मक अध्ययन,
- अनदुशे कों की नियक् ुत
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सार
प्राथमिक शिक्षा को 1 अप्रैल 2010 से अनिवार्य व निःशलु्क कर दिया गया तथा बेसिक शिक्षा (6–14 वर तक के ्ष
बालकों को शिक्षा) कादायित्व सरकार को दे दिया गया। लेकिन सरकार, समाज व शिक्षकों की उदासीनता के चलते
इस दिशा में ठोस प्रगति नहीं कर पा रही ह। आज पर ै ्याप्त विद्यालय खल ज ु ाने के बावजदू तथा सर्वशिक्षा अभियान
के तहत अध्यापकों, शिक्षा मित्रों, शिक्षा प्रेरकों एवं
अनदुशे कों की नियक्
ुति के बाद भी प्राथमिक शिक्षा के क्षेत्र में
कोई विशषे प्रगति होती दिखाई नहीं दे रही ह। ैनिजी स्कूल में विद्यार्थी फ़ीस जमा करते हैं, इसलिए निजी प्रबन्धन
विद्यार्थियों को ‘उत्पादक’ मानता ह और इ ै नके विकास के लिए सभी सार्थक कदम उठाने से भी नहीं चकत ू ा ह।ै
प्राथमिक विद्यालयों की शिक्षा व्यवस्था विशषे कर उत्तर प्रदशे के गाज़ीपर
ु जि़ले में स्थित प्राथमिक स्कूल
की शिक्षा का समीक्षात्मक अध्ययन शोधक द्वारा वर 2016 ्ष में किया गया जिसमें जि़ले के सात ब्लॉक के
26 विद्यालयों में जाकर मात्रात्मक एवं
गणुात्मक आँकड़े एकत्रकिए गए। साथ ही, समाचार-पत्रों से प्राप्त जानकारी
के आधार पर तथ्यों का विश्लेषण कर गाज़ीपर
ुजि़ले की प्राथमिक शिक्षा व्यवस्था पर गं
भीरतापर्व
ूक चर्चा की गई
हैजिसे आप इस शोध पत्र में विस्त रूप
तृ में पढ़ेंगे।