प्रकाशित 2025-03-03
संकेत शब्द
- आत्ममूल्यांकन,
- रचनात्मकता
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सार
यह अध्ययन स्कूलों में आकलन (अस्सेसमेंट) प्रणाली पर पुनरचिन्तन और सुधार की आवश्यकता पर केंद्रित है। वर्तमान शैक्षिक प्रणाली में आकलन मुख्य रूप से परीक्षाओं और ग्रेडिंग पद्धतियों पर आधारित है, जो अक्सर छात्रों के समग्र विकास और उनकी वास्तविक क्षमताओं को सही तरीके से दर्शाने में असफल रहते हैं। पारंपरिक आकलन पद्धतियाँ, जैसे कि लिखित परीक्षा और अंक आधारित प्रणाली, बच्चों के समग्र व्यक्तित्व, कौशल और सोचने की क्षमता को नकार देती हैं।
इस शोध में यह पाया गया कि आकलन की पारंपरिक प्रणाली न केवल छात्रों को मानसिक दबाव में डालती है, बल्कि यह उनके आलोचनात्मक सोच, रचनात्मकता और जीवन कौशल के विकास में भी रुकावट डालती है। आकलन की प्रक्रिया को और अधिक समावेशी, व्यक्तिगत और विकासात्मक दृष्टिकोण से परखने की आवश्यकता है, ताकि छात्रों की वास्तविक क्षमताओं का सही आकलन किया जा सके।