खंड 37 No. 03 (2017): भारतीय आधुनिक शिक्षा
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भावी अधियापकों के पौध निर्माण की नर्सरी मीना मंच

प्रकाशित 2025-03-03

संकेत शब्द

  • नेतृत्व क्षमता,
  • शिक्षा में सुधार

सार

भावी अध्यापकों का शैक्षिक और नैतिक विकास समाज के समग्र विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। एक अच्छे अध्यापक का निर्माण केवल शैक्षिक ज्ञान तक सीमित नहीं होता, बल्कि उसे सामाजिक, सांस्कृतिक और नैतिक दृष्टिकोण से भी समृद्ध होना चाहिए। इस संदर्भ में, "मीना मंच" एक सशक्त मंच के रूप में उभरकर सामने आता है, जो भावी अध्यापकों को उनके व्यक्तित्व और शैक्षिक कौशल के विकास में मदद करता है। मीना मंच का उद्देश्य अध्यापकों के भीतर जिम्मेदारी, नेतृत्व क्षमता और सामूहिक कार्य की भावना विकसित करना है, जो उनके विद्यार्थियों के समग्र विकास में सहायक हो।

मीना मंच एक प्रकार की "नर्सरी" है, जहां भावी अध्यापकों को विभिन्न प्रकार के शैक्षिक, सांस्कृतिक और सामाजिक कार्यक्रमों के माध्यम से प्रशिक्षण दिया जाता है। यह मंच अध्यापकों को अपने आदर्श और सिद्धांतों के प्रति प्रतिबद्धता से परिचित कराता है, साथ ही उन्हें एक ऐसा मंच प्रदान करता है जहां वे विभिन्न समस्याओं पर चर्चा कर सकते हैं और उन समस्याओं का समाधान खोज सकते हैं। इस कार्यक्रम के अंतर्गत, अध्यापक अपने व्यक्तिगत और पेशेवर गुणों को निखारने का अवसर प्राप्त करते हैं, जो उन्हें अपने विद्यार्थियों के लिए आदर्श स्थापित करने में मदद करता है।