खंड 37 No. 01 (2016): भारतीय आधुनिक शिक्षा
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विकास अनुरूप गतिविधिया- गुणवत्तापुणे विधालयी पूर्व शिक्षा का आधार !

प्रकाशित 2025-01-06

संकेत शब्द

  • गुणवत्तापूर्ण शिक्षा,
  • सृजनात्मक कार्य

सार

यह अध्ययन विद्यालयी पूर्व शिक्षा  में विकास अनुरूप गतिविधियों की भूमिका और उनका महत्व प्रस्तुत करता है। विद्यालयी पूर्व शिक्षा बच्चों के समग्र विकास की नींव रखती है, और इस स्तर पर दी जाने वाली शिक्षा को गुणवत्तापूर्ण बनाने के लिए बच्चों की मानसिक, शारीरिक, सामाजिक, और भावनात्मक आवश्यकताओं को समझना आवश्यक है। विकास अनुरूप गतिविधियाँ, जो बच्चों की उम्र, विकास स्तर और व्यक्तिगत क्षमताओं के अनुरूप होती हैं, उन्हें इस उम्र में आवश्यक कौशल और ज्ञान प्राप्त करने में मदद करती हैं।

गुणवत्तापूर्ण विद्यालयी पूर्व शिक्षा का उद्देश्य बच्चों को केवल शैक्षिक ज्ञान प्रदान करना नहीं, बल्कि उनकी सामाजिक, भावनात्मक और मानसिक संरचनाओं को मजबूत करना भी है। इस संदर्भ में विकास अनुरूप गतिविधियाँ जैसे कि खेल-आधारित शिक्षा, शारीरिक गतिविधियाँ, कलात्मक कार्य, और सामाजिक इंटरेक्शन, बच्चों के लिए अत्यंत लाभकारी होती हैं। ये गतिविधियाँ न केवल बच्चों के विचार और सोच की क्षमता को विकसित करती हैं, बल्कि उन्हें समाजिक और भावनात्मक रूप से भी सशक्त बनाती हैं।

इस शोध में यह भी बताया गया है कि कैसे शिक्षक और अभिभावक दोनों को बच्चों की विकासात्मक आवश्यकताओं के आधार पर ऐसी गतिविधियाँ डिजाइन करने की आवश्यकता है, जो बच्चों के सशक्त विकास के लिए अनुकूल हों। शिक्षकों को बच्चों के साथ खेलने, बातचीत करने, और सृजनात्मक कार्यों में उनकी भागीदारी बढ़ाने के लिए उपयुक्त तकनीकों और विधियों का उपयोग करना चाहिए।