खंड 35 No. 04 (2015): भारतीय आधुनिक शिक्षा
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मूल्यपरक शिक्षा ओर बलसाहितय

प्रकाशित 2024-12-23

संकेत शब्द

  • मूल्यपरक शिक्षा,
  • बालसाहित्य

सार

"मूल्यपरक शिक्षा और बालसाहित्य" दोनों बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। जबकि मूल्यपरक शिक्षा बच्चों को सकारात्मक गुणों और सामाजिक जिम्मेदारियों से अवगत कराती है, बालसाहित्य उन्हें जीवन के नैतिक और दार्शनिक पहलुओं को सृजनात्मक रूप में समझाता है। दोनों का सम्मिलित प्रभाव बच्चों के मानसिक, भावनात्मक, और सामाजिक विकास में सहायक होता है। इन दोनों के माध्यम से बच्चों को केवल शिक्षा नहीं मिलती, बल्कि उनके व्यक्तित्व और समाज के प्रति जिम्मेदारी का भी निर्माण होता है।