खंड 44 No. 1 (2020): प्राथमिक शिक्षक
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बच्चों की शिक्षा में माता-पिता एवं अभिभावकों की भूमिका

नरेश कुमार
प्रवक्ता, मिडिल एजुकेशन एवं प्रशिक्षण संस्थान, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र , नई दिल्ली

प्रकाशित 2025-09-02

संकेत शब्द

  • ज्ञान एवं कौशल विकास,
  • शिक्षा के संदर्भ में भी माता-पिता की भूमिका

सार

प्रत्येक युग एवं समय में शिक्षा का अपना विशेष महत्व रहा है। शिक्षा के द्वारा ही किसी बच्चे, व्यक्ति, समाज एवं राष्ट्र आदि के विकास को गति प्रदान की जा सकती है। किसी भी प्रकार के ज्ञान एवं कौशल विकास के संदर्भ में शिक्षा की महत्वपूर्ण भूमिका होती है तथा शिक्षा के द्वारा अथवा माध्यम से ही बच्चे एवं व्यक्ति को प्रगति के पथ पर अग्रसर किया जा सकता है। यद्यपि बच्चे की शिक्षा के संदर्भ में विभिन्न प्रकार के अभिकरण एवं संस्थाएँ अपनी भूमिका का निर्वाह करती हैं। लेकिन इस संदर्भ में माता-पिता एवं अभिभावकों अथवा संरक्षकों की भूमिका को विशेष एवं उल्लेखनीय माना जा सकता है, क्योंकि ये बच्चे की शिक्षा के संदर्भ में एक कड़ी एवं अनिवार्य घटक के रूप में कार्य करते हुए उसके अधिगम से संबंधित मार्ग को प्रशस्त करते हैं तथा उसके जीवन को एक नई दिशा एवं आधार प्रदान करते हैं। वर्तमान समय में जहाँ एक ओर शिक्षा के क्षेत्र का विस्तार एवं विकास हुआ है, वहीं दूसरी ओर बच्चों की शिक्षा के संदर्भ में भी माता-पिता एवं अभिभावकों अथवा संरक्षकों की भूमिका का भी विस्तार हुआ है और यही विस्तार बच्चों की शिक्षा एवं व्यक्तित्व को एक सुदृढ़ आधार प्रदान करता है।