उच्च प्राथमिक स्तर पर सामाजिक विज्ञान के गुणवत्तापूर्ण शिक्षण की रूपरेखा
प्रकाशित 2025-09-02
संकेत शब्द
- सामाजिक विज्ञान,
- शिक्षण,
- गुणवत्ता
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सार
प्रस्तुत लेख में सामाजिक विज्ञान के शिक्षण में गुणवत्ता और रोचकता लाने के मानक दिए गए हैं। परिवर्तन प्रकृति का नियम है और आज के बदलते परिदृश्य में परिवर्तन से न कोई व्यक्ति और न ही कोई विषय अछूता है। जो शिक्षण प्रक्रिया किसी समय विषय पर केंद्रित थी, वह आज के परिदृश्य में जीवन पर केंद्रित है। यह विषय बच्चे के जीवन में कैसे उपयोगी है? उसकी भविष्य में क्या सार्थकता है? समाज और देश में घट रही घटनाओं का प्रभाव और इलैक्ट्रॉनिक मीडिया संरक्षण में पोषित बच्चे में तार्किक बौद्धिक पोषण की पूर्ति शिक्षक के लिए चुनौती है। वर्तमान समय में शिक्षक, पाठ्यक्रम और विद्यार्थी के बीच समन्वय होना आवश्यक है। इस तकनीक के युग में विद्यार्थी की अपेक्षा पर शिक्षक का खरा उतरना और नीरसता से रोचकता में विषय को बदलना, बिना नवाचार के संभव नहीं है। इस लेख में सामाजिक विज्ञान विषय पर प्रकाश डाला गया है। सामाजिक विज्ञान का ज्ञान समाज की उस नींव की ईंट की तरह है, जिस पर आज का चहुंमुखी विकास, परिवर्तन, नीति-निर्माण, विविधता में एकता, आर्थिक स्वावलंबन, के साथ व्यक्ति में मानवता और आध्यात्मिकता का विकास, पैर जमा कर खड़ा है।