प्रकाशित 2025-07-30
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लक्ष्मी नारायण मित्तल. (2025). समझना और सीखना समानता व अंतर. प्राथमिक शिक्षक , 42(4), p.5-8. http://14.139.250.109/index.php/pp/article/view/4522
सार
आम व्यक्ति का जीवन हो या किसी विशिष्ट व्यक्ति का जीवन, ‘समझ’ और ‘सीख’ दोनों ही शब्द एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया के रूप में जीवन में अभिन्न अंग के रूप में शामिल हैं। जीवन का निर्वाह करना एक अलग बात है, परंतु जीवन को रचनात्मक रूप देना हो तो ‘समझ’ और ‘सीख’ के बगैर काम नहीं चलेगा। ‘सीख’ तो स्वत: रूप से आरंभ हो जाती है, प्राकृतिक आवश्यकताओं की पूर्ति करन के और उनके साथ ‘समझ’ का भी पुट हो, तो बात विलक्षण हो जाती है। प्रस्तुत लेख में ‘सीख’ और ‘समझ’ पर एक स्पष्ट समझ बनाने का प्रयास किया गया है। अध्यापकों के साथ चर्चा कर कैसे इन शब्दों को समझा जाए और विद्यालयी शिक्षण में इनके महत्त्व को जाना जाए इन्हीं विचारों की प्रस्तुति इस लेख में है।