सार
पाठ्यपुस्तकों के अलावा जब बच्चे रंग-बिरंगे चित्र, कहानियों की किताबें देखते हैं, पढ़ते हैं तो वे स्वयं बहुत कुछ सीखने और जानने को जिज्ञासु हो जाते हैं। बच्चों को चाहिए बस एक मौका, उड़ान भरने का। पुस्तकें उन्हें यह आजादी देती है। ऐसा ही अनुभव हुआ आदिवासी बच्चों के साथ घाटीगांव, ग्वालियर, मध्य प्रदेश में सी .आई.ई. टी. , एनसीईआरटी द्वारा बच्चों और शिक्षकों की शैक्षिक आवश्यकताओं को जानने हेतु एक परियोजना के अंतर्गत घाटी गांव के दस प्राथमिक विद्यालयों को चुना गया, ताकि उनकी आवश्यकताओं के अनुरूप शैक्षिक कार्यक्रमों का विकास किया जा सके और गुणवत्ता शिक्षा के समान अवसर आदिवासी बच्चों को भी मिल सके।