सार
' सर्व शिक्षा अभियान ' के तहत प्राथमिक शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं। इससे बच्चों के नामांकन में तो बढ़ोतरी दर्ज हुई है, लेकिन गुणवत्ता स्तर में कोई विशेष प्रगति नहीं हुई है। सरकार द्वारा गुणवत्ता स्तर सुधारने के लिए कई कदम उठाए गए है जैसे -- मिड - डे मील, निःशुल्क पाठयपुस्तक आदि। लेकिन फिर भी स्कूल में बच्चों के ठहराव को रोकने में सरकार पूर्ण रूप से सफल नहीं हो पा रही है। एक ओर जहाँ सरकार बच्चों के लिए योजनाएं व सुविधाएं मुहैया करा रही है, वहीं दूसरी ओर शिक्षकों का भी यह दायित्व है कि वह यह जानने का प्रयास करें कि बच्चों को किस स्तर पर क्या परेशानी है या फिर क्यों कक्षा से लगातार अनुपस्थित है। बच्चों के प्रति शिक्षकों की जिम्मेदारी को प्रस्तुत कर रहा है यह लेख - ज़ुबैदा हाज़िर हो ।