Published 2025-09-02
Keywords
- संस्कृत विषय का अध्यापन,
- विषय विशेषज्ञ द्वारा मार्गदर्शन
How to Cite
Abstract
शोधकर्ता द्वारा इस बात का अनुभव किया गया कि विद्यालयों में संस्कृत विषय का अध्यापन करने वाले शिक्षकों में से लगभग पचास प्रतिशत शिक्षक ऐसे हैं जिन्होंने केवल दसवीं या ग्यारहवीं तक तृतीय भाषा के रूप में संस्कृत का अध्ययन किया है और वे व्याकरण संबंधी संप्रत्ययों को समझाने में कठिनाई का अनुभव करते हैं।
ऐसी स्थिति में शोधकर्ता द्वारा संस्कृत विषय का अध्यापन करने वाले शिक्षकों को समर्थन देने की आवश्यकता महसूस की गई और विचार किया गया कि कतिपय शिक्षकों के समूह को एक धरातल पर जोड़ा जाए जहाँ वे एक-दूसरे से अपने अनुभव साझा करें तथा साथ ही साथ आवश्यकतानुसार विषय विशेषज्ञ द्वारा भी उन्हें मार्गदर्शन प्रदान किया जा सके। आभासी दुनिया में भी यह सम्मेलन आयोजित कर कार्य-संपादन किया जा सकता है। इस तथ्य को दृष्टिगत रखते हुए एक क्रियात्मक-अनुसंधान किया गया जिसके सकारात्मक परिणाम प्राप्त हए।