Published 2025-09-02
Keywords
- शिक्षक,
- पुस्तकालय,
- बच्चों में पढ़ने की जिज्ञासा
How to Cite
Abstract
पढ़ने की आदत एक ऐसी नैसर्गिक प्रक्रिया है जिसकी जड़ बचपन से मजबूत होनी चाहिए। पढ़ने के कई उद्देश्य होते हैं- समझना, समझाना, जानना, सीखना, कल्पना का निर्माण करना, अन्वेषण करना, नवाचार करना, विस्तार करना और ज्ञान प्राप्त कर, उसका क्रियान्वयन करना आदि। प्राथमिक स्तर पर बच्चों में पढ़ने की आदत को बढ़ाने के लिए माता-पिता, शिक्षकों और पुस्तकालय की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका होती है। आज हम डिजिटल युग में अपने को सराबोर पाते हैं, आज कंप्यूटर एवं इंटरनेट के बिना अधिगम की कल्पना करना असंभव-सा है। अपने आस-पास जब कई बच्चों को हम पुस्तकों के अध्ययन से दूर उदासीन पाते हैं, तो यह अनिश्चित कई भावी विसंगतियों को आमंत्रित करता है। इस डिजिटल युग में कैसे बच्चों को पढ़ने की तरफ अग्रसर करें, यह एक बड़ी चुनौती है। प्रस्तुत लेख में पढ़ने के महत्व को समझते हुए प्राथमिक स्तर के बच्चों में पढ़ने की जिज्ञासा को किस प्रकार विकसित किया जाए या क्या उपाय किए जाएँ, जिससे बच्चे रुचिपूर्ण पढ़ने के कौशल में पारंगतता प्राप्त कर सकें, पर प्रकाश डाला गया है।