Vol. 43 No. 4 (2019): प्राथमिक शिक्षक
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प्राथमिक स्तर पर गुणवत्ता शिक्षा हेतु सतत एवं व्यापक मूल्यांकन की सार्थकता

डी.डी. गौतम
अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी, संयुक्त निदेशक कार्यालय, स्कूल शिक्षा, भरतपुर संभाग, भरतपुर

Published 2025-09-02

Keywords

  • प्रारंभिक शिक्षा,
  • शिक्षण प्रक्रिया,
  • शिक्षण एवं मूल्यांकन पद्धति,
  • सी.सी.ई.

How to Cite

गौतम ड. (2025). प्राथमिक स्तर पर गुणवत्ता शिक्षा हेतु सतत एवं व्यापक मूल्यांकन की सार्थकता. प्राथमिक शिक्षक, 43(4), p.5-16. http://14.139.250.109/index.php/pp/article/view/4556

Abstract

प्रारंभिक शिक्षा के अंतर्गत बच्चों के सर्वांगीण विकास को सुनिश्चित करने के लिए शैक्षिक के साथ-साथ सह-शैक्षिक गतिविधियों को शिक्षण प्रक्रिया में समाहित किया गया है, इससे सीखना गतिविधि-आधारित, आनंददायी, रुचिकर एवं बाल उपयोगी हो जाता है इसके साथ ही बच्चे को अपनी गति, रुचि एवं स्तर के अनुरूप स्वयं करके सीखने के पर्याप्त अवसर उपलब्ध होते हैं। बच्चों के सीखने के स्तर के दस्तावेजीकरण तथा मूल्यांकन के साथ-साथ अधिगम में अंतर्संबंध के उद्देश्य से परंपरागत शिक्षण एवं मूल्यांकन (सी.सी.ई.) पद्धति में सकारात्मक बदलाव करते हुए मूल्यांकन की नई पद्धति 'सतत एवं व्यापक मूल्यांकन' न' को लागू किया गया है, जो विद्यार्थी के सीखने के सभी पक्षों पर ध्यान देती है। शिक्षण एवं मूल्यांकन पद्धति में सकारात्मक बदलाव से बच्चों का शिक्षण के दौरान समग्र आकलन करते हुए अधिगम सुनिश्चित किया जाता है। प्रस्तुत लेख में बताया गया है कि राजस्थान में सतत एवं समग्र मूल्यांकन लागू किया जा रहा है। उसे सुचारु रूप से लागू करने हेतु अनेक बिंदुओं को शामिल किया गया है, इस लेख में उन अवयवों का विस्तार से वर्णन किया गया है।