Vol. 42 No. 3 (2018): प्राथमिक शिक्षक
Articles

विज्ञान-गीत संगीत की शक्ति द्वारा विज्ञान का प्रभावी शिक्षण

रुचि वर्मा
एसोसिएट प्रोफेसर, डी.ई.एस.एम., एन.सी.ई.आर.टी., नई दिल्ली

Published 2025-07-30

Keywords

  • सर्वांगीण विकास,
  • प्रभावी शिक्षण,
  • शिक्षकों की जवाबदेही

How to Cite

वर्मा र. (2025). विज्ञान-गीत संगीत की शक्ति द्वारा विज्ञान का प्रभावी शिक्षण. प्राथमिक शिक्षक, 42(3), p.30-34. http://14.139.250.109/index.php/pp/article/view/4492

Abstract

शिक्षक समाज की सर्वाधिक संवेदनशील इकाई है। शिक्षक का कार्य समाज में वर्षों से सम्मानजनक रूप से देखा जाता रहा है। एक शिक्षक का कार्य बहुआयामी है। वह बच्चों में छुपी हुई प्रतिभा को खोजता है और उनका पोषण भी करता है। हम सभी लोग यह भी महसूस कर रहे हैं कि समाज में सामाजिक मूल्यों का लगातार ह्रास हो रहा है। इसलिए शिक्षक शिक्षा की गुणवत्ता कसौटी पर है तथा इनके योगदान पर भी प्रश्न उठने लगे हैं। उपर्युक्त संदर्भ में शिक्षकों की जवाबदेही की माँगें उठने लगी हैं। यदि हमें शिक्षकों को उनके व्यवसाय के प्रति जिम्मेदार और जवाबदेह बनाना है तो शिक्षा व्यवस्था में ऐसा वातावरण बनाना होगा, जहाँ वे स्वयं उत्तरदायित्व लेना पसंद करें। लेकिन शिक्षकों की जवाबदेही दृढ़ और सुनिश्चित करने से पहले उनके लिए एक वातावरण तैयार किया जाना चाहिए, जिसका उल्लेख इस लेख में किया गया है। यह लेख विज्ञान शिक्षण-अधिगम प्रक्रिया में विज्ञान गीतों के प्रयोग एवं उनकी उपयोगिता को प्रस्तुत करता है। अतः यह स्पष्ट करता है कि विज्ञान शिक्षण-अधिगम प्रक्रिया को विज्ञान गीतों द्वारा कैसे रुचिकर, बोधगम्य और सरस बनाया जा सकता है। साथ ही यह लेख यह भी दर्शाता है कि इन गीतों के माध्यम से न केवल वैज्ञानिक तथ्यों के प्रति समझ विकसित होती है, वरन् मानवीय मूल्य एवं अन्य क्षमताओं का भी विकास होता है, जो बच्चे के सर्वांगीण विकास का आधार बनती हैं।