Vol. 42 No. 3 (2018): प्राथमिक शिक्षक
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हिंदी माध्यम के शिक्षक-प्रशिक्षुओं की वर्तनीगत अशुद्धियों के निराकरण हेतु उपचारात्मक हस्तक्षेप कार्यक्रम के प्रभाव का प्रयोगात्मक अध्ययन

अंदलीब
सहायक प्रोफेसर, आई.ए.एस.ई., जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय, नई दिल्ली

Published 2025-07-30

Keywords

  • शिक्षक-प्रशिक्षु,
  • प्रयोगात्मक शोध,
  • प्राथमिक स्तर पर अध्यापक की भूमिका

How to Cite

अंदलीब. (2025). हिंदी माध्यम के शिक्षक-प्रशिक्षुओं की वर्तनीगत अशुद्धियों के निराकरण हेतु उपचारात्मक हस्तक्षेप कार्यक्रम के प्रभाव का प्रयोगात्मक अध्ययन. प्राथमिक शिक्षक, 42(3), p.5-11. http://14.139.250.109/index.php/pp/article/view/4488

Abstract

जिस प्रकार मौखिक भाषा में शब्दों के शुद्ध उच्चारण में अशुद्धियाँ हो सकती हैं, उसी प्रकार लिखित भाषा में छात्र प्रायः शब्दों के शुद्ध रूप-लेखन अथवा वर्तनी में भी अशुद्धियाँ करते हैं। शुद्ध वर्तनी शिक्षण में प्राथमिक स्तर पर अध्यापक की भूमिका के महत्व को समझते हुए इस शोध-पत्र में भावी अध्यापकों अर्थात (डी.एल.एड. हिंदी माध्यम) के प्रथम वर्ष में अध्ययनरत 50 महिला तथा पुरुष शिक्षक-प्रशिक्षुओं की वर्तनीगत अशुद्धियों का अध्ययन किया गया। उनकी वर्तनी संबंधी अशुद्धियों के निराकरण के लिए इस प्रयोगात्मक शोध में पूर्व परीक्षण तथा पश्च परीक्षण के मध्य में उपचारात्मक हस्तक्षेप कार्यक्रम भी दिया गया। शोध के परिणामों में यह कार्यक्रम शिक्षक-प्रशिक्षुओं की वर्तनीगत अशुद्धियों के निराकरण में प्रभावी पाया गया।