प्रकाशित 2025-03-17
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सार
पर्यावरण अध्ययन को प्राथमिक स्तर पर शिक्षकों और विद्यार्थियों के बीच रोचक और जीवन में विषय की
उपयोगिता की समझ पैदा करने हेत, ुपर्यावरण अध्ययन का एक विषय के रूप में विकास क्रम और‘ जीवन जीने के
अधिकार’ की परिपर्तिू र्तिके लिए ‘राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा 2005’ के अतर्गत ं निर्धारित उद्शदे्य और पाठ्यक्रम
के स्वरूप की व्याख्या की गई है तथा उसी सं
दर्भमें पर्यावरण अध्ययन को गतिविधि आधारित शिक्षण प्रक्रिया से
जोड़ने का प्रयास किया गया है। पर्यावरण अध्ययन की पस्तकों से
ु ली गई विषय-वस्तु की विद्यार्थियों के जीवन में
महत्ता और उपयोगिता को इस लेख में इगंित किया गया है। बढ़ती जनसं
ख्या, शहरीकरण और औद्योगिकीकरण
ने शहर से लेकर गाँव तक पर्यावरण को प्रदषित ू किया है। इसी आलोक में पर्यावरण अध्ययन विद्यार्थियों के बीच
जागरूकता और प्राकृतिक, सामाजिक एवं
सां
स्कृति क वातावरण के बीच सं
बं
ध स्थापित करता है। शिक्षकों द्वारा
बच्चों को क्रियाशील गतिविधियों में व्यस्त करना चाहिए, ताकि वे मलू कौशल सीख सकें ।