प्रकाशित 2025-03-03
संकेत शब्द
- थियेटर,
- संवाद,
- रचनात्मकता,
- संचार कौशल
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सार
नाट्य, जिसे हम थियेटर भी कहते हैं, एक प्रभावी और समृद्ध विधा है, जो न केवल मनोरंजन का साधन है, बल्कि शिक्षा का महत्वपूर्ण माध्यम भी है। यह अध्ययन नाट्य के माध्यम से शिक्षा के विभिन्न पहलुओं की पड़ताल करता है, और यह समझने की कोशिश करता है कि किस प्रकार नाट्य शैक्षिक उद्देश्यों को पूरा करने में सहायक हो सकता है। नाट्य विधा, अपने संवाद, अभिनय, और प्रस्तुति के माध्यम से छात्रों को गहरे विचार, समाजिक मुद्दों, और मानवीय भावनाओं से परिचित कराती है, जिससे उनका संज्ञानात्मक और सामाजिक विकास होता है।
नाट्य द्वारा शिक्षा, परंपरागत और मौलिक शैक्षिक तरीकों से अलग होती है, क्योंकि इसमें विद्यार्थियों की सक्रिय भागीदारी होती है। छात्र न केवल श्रोता होते हैं, बल्कि वे अभिनय, रचनात्मकता, और संवाद में भाग लेकर सक्रिय रूप से सीखने की प्रक्रिया में शामिल होते हैं। यह विद्यार्थियों के आत्मविश्वास को बढ़ाता है, उनकी सृजनात्मकता को उत्तेजित करता है, और समाजिक जिम्मेदारी का एहसास कराता है।