खंड 1 No. 1 (2020)
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धूमिल के काव्य में यथार्थ एवं व्यंग्य

मोनिका शर्मा
महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविध्यालय, अजमेर

प्रकाशित 2025-02-26

संकेत शब्द

  • स्वतंत्रता,
  • कटाक्ष,
  • व्यंग्य,
  • साठोत्तरी काव्य।

सार

प्रस्तुत पत्र साठोत्तरी कवि धूमिल की कविताओं की विवेचना है। उनकी कविताएँ स्वतंत्रता के पश्चात् बनी सामाजिक परिस्थितियों पर कटाक्ष थीं, जिसमें धूमिल ने व्यंगात्मक दृष्टिकोण से परिस्थितियों का आंकलन प्रस्तुत किया था।